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अलंकार की परिभाषा और भेद: उदाहरण सहित (Alankar ki Paribhasha aur Bhed)

अलंकार – परिभाषा, भेद, उदाहरण, प्रकार is an important topic in Hindi Grammar. It includes different types, examples, and explanations. In teaching recruitment exams, there are questions related to the definition of Alankar. These questions are relatively easy for candidates preparing for teaching exams. In English, Alankar is known as a Figure of Speech. The topic of Alankar in Hindi Language अलंकार – परिभाषा, भेद, उदाहरण, प्रकार usually carries 3-4 marks in exams. In this lesson, we will learn in detail about the definition, types, and examples of Alankar. अलंकार – परिभाषा, भेद, उदाहरण

अलंकार की परिभाषा – Alankar ki Paribhasha – Alankar in Hindi

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है कि आभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है- अलम + कार। इसका मतलब होता है कि जैसे स्त्री की शोभा आभूषणों से होती है, वैसे ही काव्य की शोभा अलंकार से होती है। यह एक प्रकार का काव्यिक आभूषण होता है, जो कविता को आकर्षित और विशेष बनाता है। अलंकार के अनुसार, जो शब्द वाक्यांश को अलंकृत करें, वे अलंकार कहलाते हैं।

अलंकार के मुख्य भेद हैं- Alankar ke Bhed

अलंकार के मुख्य भेद विवरण
शब्दालंकार इसमें विशेष शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जो कविता को आकर्षित और रमणीय बनाते हैं। इससे कविता की शोभा बढ़ जाती है।
अर्थालंकार इसमें शब्दों के अर्थ को विभिन्न तरीकों से प्रकट किया जाता है। इससे कविता के अर्थ में गहराई आती है।

इन दो भेदों में अनेक प्रकार के अलंकार होते हैं, जो कविता को और भी रुचिकर बनाते हैं।

शब्दालंकार किसे कहते हैं? – Shabdalankar ki Paribhasha(अलंकार की परिभाषा और उसके भेद)

शब्दालंकार की परिभाषा – जब किसी कविता या वाक्य में शब्दों का विशेष और चमत्कारिक प्रयोग किया जाता है ताकि वह आकर्षक और सुंदर लगे, तो उसे ‘शब्दालंकार’ कहते हैं। यह उन विशेषताओं को बढ़ावा देने का काम करता है जो उस शब्द में पाई जाती है।

शब्दालंकार के भेद: Shabdalankar ke Bhed

शब्दालंकार के विभिन्न भेद होते हैं, जो कविता या वाक्य को और भी रुचिकर बनाते हैं। यहाँ पर कुछ मुख्य भेद हैं:
अलंकार परिभाषा उदाहरण
अनुप्रास किसी वाक्य या पद में किसी ध्वनि की पुनरावृत्ति की जाती है ताकि उस वाक्य या पद की आवाज में मधुरता आए। कुहरे के कूचे में गूंज रही थी, गूंज रही थी बच्चों की छोटी सी बूंदें।
श्लेष दो या दो से अधिक पंक्तियों के पदों के अंतर्गत विशेष अर्थ छिपाए जाते हैं, जो कविता को और भी गहराई देते हैं। चाँदनी रातों में एक कहानी होती है, ख्वाबों में ही वो मुलाकातें होती हैं।
यमक एक ही शब्द के अलग-अलग अर्थ निकालने का प्रयास किया जाता है, जिससे वाक्य में मजाकिया और चुटकुलियाँ बनती हैं। राम ने उसके कान की कील तोड़ दी, कील तोड़ दी उसके आसपास की दीवार की।
वक्रोक्ति वाक्य के शब्दों की सीधी रूपरेखा को विकल्पित रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिससे वाक्य का प्रभाव बढ़ता है। बादल गरज रहे थे, गरज रहे थे बादल।
पुनरुक्ति किसी शब्द को वाक्य में दोहराया जाता है, जिससे उसका प्रभाव दोगुना होता है। दौड़ रहा है दौड़ रहा है दौड़ रहा है राम।
वीप्सा वाक्य के प्रत्येक शब्द के साथ उसके समानार्थी शब्द का प्रयोग किया जाता है, जिससे शब्दों की समृद्धि और प्रासंगिकता आती है। राजा ने अपने पुत्र को राजा ने अपने संतान को अधिकारी बनाया।

1. अनुप्रास अलंकार परिभाषा और उदाहरण:

अनुप्रास अलंकार का अर्थ होता है बार-बार वर्ण की आवृत्ति करना। जब किसी वाक्य या पद में कोई विशेष ध्वनि का बार-बार पुनरावृत्ति की जाती है, तो उस वाक्य या पद की आवाज में मधुरता आती है। इससे वाक्य की मेल-जोल और रस बढ़ता है।

अनुप्रास अलंकार के उदाहरण:(Alankar in Hindi)
  • मुदित महापति मंदिर आये।: यहाँ “म” वर्ण की आवृत्ति हो रही है, जिससे वाक्य में मधुरता आती है।
  • तरनि-तनूजा तट तमाल तरूवर बहु छाये।: इस वाक्य में “त” वर्ण की आवृत्ति हो रही है, जिससे वाक्य की सुंदरता और आकर्षण बढ़ता है।
  • जन रंजन मंजन दनुज प्रहरण।: इस वाक्य में “ज”, “र”, “म”, “न” वर्ण की आवृत्ति हो रही है, जिससे वाक्य की चमक और मधुरता आती है।

2. श्लेष अलंकार की परिभाषा और उदाहरण: (Alankar in Hindi)

श्लेष अलंकार का मतलब होता है ‘चिपकना’ या ‘मिलना’। जब किसी एक ही शब्द से विभिन्न अर्थों का संयोजन होता है, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं। इसमें शब्द का एकाधिक अर्थ प्रकट होते हैं और वाक्य के प्रत्येक अर्थ को समझने पर विचारशीलता आती है।

श्लेष अलंकार के उदाहरण:
  • रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए ऊबरे, मोती, मानुष, चून।: इस दोहे में ‘पानी’ शब्द का तीनों पंक्तियों में विभिन्न अर्थ है। पहली पंक्ति में यह जल का अर्थ है, दूसरी पंक्ति में मोती के अर्थ में ‘पानी’ उपयुक्त हुआ है, और तीसरी पंक्ति में चून के अर्थ में यह प्रयुक्त हो रहा है।
  • शून्य की महत्वपूर्णता सभी को पता है। शून्य के बिना गणित अधूरा है।: इस वाक्य में ‘शून्य’ शब्द का पहले अर्थ होता है सुन्दरता और दूसरे अर्थ में गणितिक ‘शून्य’।
  • व्यक्ति की अद्वितीयता को समझने में समय लगता है। समय की मूल्य को समझो।: इस वाक्य में ‘समय’ का पहले अर्थ होता है काल और दूसरे अर्थ में मूल्य।

3. यमक अलंकार की परिभाषा और उदाहरण: (Alankar in Hindi)

यमक अलंकार का अर्थ होता है जब एक शब्द दो बार प्रयोग होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं। अर्थात, एक ही शब्द की दोनों बार अलग-अलग भावनाओं को प्रकट करने के लिए यमक अलंकार का प्रयोग होता है।

यमक अलंकार के उदाहरण:
  • काली घटा का घमंड घटा।: इस वाक्य में ‘घटा’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार इसका अर्थ बादलों के काले रंग की ओर संकेत कर रहा है और दूसरी बार यह बादलों की कमी को दर्शा रहा है।
  • माला फेरत जुग गया, फिरा मन का फेर।: इस पंक्तियों में ‘फेर’ शब्द का दो बार प्रयोग होता है। पहली बार यह माला की फेरी का संकेत करता है और दूसरी बार यह किसी काम को न करने की सलाह दे रहा है।
  • कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।: इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का दो बार प्रयोग हो रहा है। पहली बार इसका अर्थ ‘सोना’ होता है और दूसरी बार यह ‘धतूरा’ की भावना को प्रकट करता है।

4. वक्रोक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण:

वक्रोक्ति अलंकार एक ऐसा अलंकार है जिसमें वक्र (टेढ़ा) अर्थात् उलटे पथ में कहे गए शब्दों से किया जाता है, जिससे सुनने वाले का मनन किया जाए। इसके माध्यम से शब्दों की अनूठी प्रस्तावना किया जाता है ताकि सुनने वाले का आकर्षित हो और अर्थ को समझने में रुचि बढ़े।

वक्रोक्ति अलंकार के उदाहरण:
  • आदि सदि परम कृपालु परमानन्द आप।: इस वाक्य में ‘आदि सदि’ शब्दों का अर्थ होता है “सदा” या “हमेशा”। शब्दों का उलटा पथ उनके अर्थ को और भी प्रभावशाली बनाता है।
  • नन्ही चींटी जब दाना लेकर चली थी, चढ़ी वृक्ष पर खाने को गई।: इस पंक्ति में ‘चढ़ी’ शब्द का अर्थ होता है “उतरी” या “नीचे गई”। शब्द का उलटा पथ श्रोता को नन्ही चींटी की अनूठी क्रिया को सुनकर मनन करने को प्रेरित करता है।
  • आलस्य कुटिल गति से चल पड़ी, श्रम की ओर जा रही थी।: इस पंक्ति में ‘आलस्य’ शब्द का अर्थ होता है “सुस्ती” या “आलस्य”। यहां शब्द का उलटा पथ आलस्य के असर को प्रकट करता है जिससे वाक्य की भावना अधिक प्रभावशाली होती है।

5. पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण:

पुनरुक्ति अलंकार(Alankar in Hindi) एक ऐसा अलंकार है जिसमें किसी वाक्य में किसी शब्द का दो बार या दो से अधिक बार प्रयोग किया जाता है, लेकिन हर बार अर्थ एक ही निकलता है। पुनरुक्ति अलंकार के प्रयोग से कवि किसी एक शब्द पर अधिक ध्यान दिलाना चाहता है जिससे वाक्य की शोभा बढ़ती है। यह अलंकार वाक्यों को रुचिकर बनाने के लिए प्रयुक्त होता है।

पुनरुक्ति अलंकार के उदाहरण:
  • वह चली गई, वह बस गई।: इस वाक्य में ‘वह’ शब्द की पुनरुक्ति की गई है, जिससे इस वाक्य की प्रभावशाली भावना और उचितता बढ़ती है।
  • बच्चा खेलने गया, बच्चा पढ़ने गया।: इस पंक्ति में ‘बच्चा’ शब्द की पुनरुक्ति से बच्चों की दो विभिन्न क्रियाएं प्रस्तुत की गई है, जिससे वाक्य में चित्रित होने वाली स्थितियों की चित्रण बढ़ी है।
  • खुश रहो, खुशी पाओ।: इस वाक्य में ‘खुश’ शब्द की पुनरुक्ति से एक प्रेरणादायक संदेश सुनने वाले के मन में स्थापित हो जाता है कि खुश रहने से ही खुशी मिलेगी।

6. वीप्सा अलंकार की परिभाषा और उदाहरण: (Alankar in Hindi)

वीप्सा अलंकार एक ऐसा अलंकार है जिसमें एक शब्द का प्रयोग दो विभिन्न अर्थों में किया जाता है, ताकि वाक्य का मतलब उलझने के बाद ही स्पष्ट हो। यह अलंकार वाक्य में मनोवैज्ञानिक सस्पेंस या विचारशीलता उत्पन्न करने में मदद करता है।

वीप्सा अलंकार के उदाहरण:
  • वह पढ़ रहे हैं कि पढ़ते हैं।: इस वाक्य में ‘पढ़’ शब्द का वीप्सा अलंकार है, जिससे वाक्य का अर्थ स्पष्ट नहीं होता कि व्यक्ति पढ़ रहा है या पढ़ता है।
  • तुम्हारी शक्ति उसकी कमजोरी हो जाती है।: इस वाक्य में ‘शक्ति’ शब्द का वीप्सा अलंकार है, जिससे वाक्य का अर्थ उसकी शक्ति कम होने के बारे में बात करता है।
  • बेताबी से वो देख रहे हैं दिशा-दिशा।: इस पंक्ति में ‘दिशा-दिशा’ शब्द का वीप्सा अलंकार है, जिससे वाक्य का अर्थ हो सकता है कि व्यक्ति विभिन्न दिशाओं में बेताबी से देख रहा है।

अर्थालंकार किसे कहते हैं? – Artha alankar ki Paribhasha(Alankar in Hindi)

अर्थालंकार की परिभाषा – अर्थालंकार शब्द का अर्थ होता है “अर्थ की आधार पर भाषा का उपयोग करना”। इसका उपयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली और रसभरी बनाने के लिए किया जाता है। अर्थालंकार भाषा (Alankar in Hindi) की एक प्रमुख विशेषता है और कविता, गीत, उपन्यास आदि में व्यापक रूप से प्रयोग होता है।

अर्थालंकार के भेद: Artha alankar ke Bhed

अर्थालंकार के भेद परिभाषा और विवरण
उपमा अलंकार उपमा का शाब्दिक अर्थ है – तुलना या समानता। जहाँ दो वस्तुओं में तुलना की जाती है अथवा जहाँ एक वस्तु को दूसरी वस्तु के साथ समानता दिखाई जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
रूपक अलंकार इसमें उपमेय पर उपमान का अभेद आरोपित किया जाता है। जैसे एक वस्तु को दूसरी वस्तु के साथ समानित किया जाता है, वहाँ रूपक अलंकार होता है।
उत्प्रेक्षा अलंकार यहाँ उपमेय में उपमान की संभावना की जाती है। इसमें मानो, जानो, जनु, मनु आदि शब्दों का प्रयोग होता है।
विरोधाभास अलंकार जब किसी के विरुद्ध बात करते समय वाक्य के अर्थ में विरोधाभास होता है, तो वह विरोधाभास अलंकार होता है।
मानवीयकरण अलंकार जब कवि काव्य में भाव या प्रकृति को मानवीकृत करता है, तो वह मानवीयकरण अलंकार होता है।
अतिशयोक्ति अलंकार जब किसी की अत्यन्त प्रशंसा करते हुए बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बात की जाए, तो अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

1. उपमा अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

उपमा अलंकार किसे कहते हैं?

उपमा अलंकार(Alankar in Hindi) का मतलब होता है कि दो विभिन्न चीजों के बीच समानता दिखाकर आपकी बात को सुंदर बनाना। जैसे, आप कहते हैं कि “उसकी मुस्कान सूरज की किरनों की तरह थी”। यहाँ पर आपने एक व्यक्ति की मुस्कान को सूरज की किरनों के साथ तुलना की है, जिससे व्यक्ति की मुस्कान और सूरज की किरनें दोनों ही प्रकृति के सुंदरता को दर्शाते हैं।

उपमा अलंकार के उदाहरण:

उदाहरण 1:

बच्चा गर्मी से तपता है जैसे फूलों की मिली भीगी धार।

यहाँ पर उपमा अलंकार(Alankar in Hindi) में बच्चे को फूलों की भीगी धार से तुलना की गई है, जिससे उसकी तपती आवश्यकता और फूलों की भीगी धार की तरह होने का वर्णन किया गया है।

उदाहरण 2:

उसकी मुस्कान सफेद चाँद की तरह चमक रही थी।

इस उदाहरण में मुस्कान को सफेद चाँद के साथ तुलना करके उसकी खासीतता और चमक को व्यक्त किया गया है।

उदाहरण 3:

वो उसकी वफादारी के साथ सूरज की तरह उदास था।

यहाँ पर उपमा अलंकार में उसकी वफादारी को सूरज के उदास होने के साथ तुलना की गई है, जिससे उसकी उदासीनता और सूरज के उदासीनता की तुलना की गई है।

2. रूपक अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

रूपक अलंकार किसे कहते हैं?

रूपक अलंकार एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ होता है “छिपा हुआ” या “गुप्त”. यह अलंकार(Alankar in Hindi) वाक्य में उपयोग होने वाले वाक्यांशों को एक छिपे हुए अर्थ के साथ प्रदर्शित करने का काम करता है। इसका उपयोग करके लेखक वाक्यांशों को रंगीन और रोचक बनाता है।

रूपक अलंकार के उदाहरण:

उदाहरण 1:

वह एक सूरज है, जो हमारे जीवन को रोशनी देता है।”

वाक्यांश में “वह एक सूरज है” रूपक अलंकार का उदाहरण है। यहां सूरज को एक व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है जो हमारे जीवन को रोशनी देता है।

उदाहरण 2:

उसकी आँखों में चांदनी छिपी हुई है।”

इस वाक्यांश में “आँखों में चांदनी छिपी हुई है” रूपक अलंकार का उदाहरण है। यहां चांदनी को आँखों में छिपा हुआ बताया गया है, जिससे इस वाक्यांश को रोमांचक और सुंदर बनाया जाता है।

उदाहरण 3:

उसकी मुस्कान एक फूल की तरह खिल उठी।”

इस वाक्यांश में “मुस्कान एक फूल की तरह खिल उठी” रूपक अलंकार का उदाहरण है। यहां मुस्कान को एक फूल के समान दिखाया गया है, जिससे इस वाक्यांश को सुंदर और प्रिय बनाया जाता है।

3. उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

उत्प्रेक्षा अलंकार किसे कहते हैं?

उत्प्रेक्षा अलंकार वह अलंकार है जिसमें उपमान की संभावना का वर्णन किया जाता है जब उपमेय में उपमान होने की संभावना होती है। इसका उपयोग वाक्यों में किसी वस्तु की संभावित तुलना के साथ किया जाता है, जिससे उपमान की संभावना अधिक स्पष्ट होती है।

उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण:

उदाहरण 1: उसका मन पुस्तकों की दुनिया में खोया हुआ था।

इस वाक्य में “पुस्तकों की दुनिया” की तुलना में “उसका मन” खोया हुआ होने की संभावना दिखाई देती है, जिससे उपमान की उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण होता है।

उदाहरण 2: उनकी आँखों में समुंदर की लहरों का खेल था।

यहाँ पर “समुंदर की लहरों” की तुलना में “उनकी आँखों में” का खेल होने की संभावना दिखाई देती है, जिससे उपमान की संभावित उपस्थिति को बताने के लिए उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग हुआ है।

उदाहरण 3: वह बच्चे की तरह खुशी से झूम रहा था।

इस वाक्य में “बच्चे की तरह” की तुलना में “वह” खुशी से झूम रहा होने की संभावना दर्शाता है, जो उपमान की संभावितता को बढ़ाता है और उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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4. विरोधाभास अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

विरोधाभास अलंकार किसे कहते हैं?

विरोधाभास अलंकार वह अलंकार है जिसमें एक ही वाक्य में दो या दो से अधिक भावों की प्रवृत्ति को प्रकट करते हुए उनका विरोध किया जाता है। यह विरोधाभास अलंकार(Alankar in Hindi) वाक्य को चुनौतीपूर्ण और आकर्षक बनाता है।

विरोधाभास अलंकार के उदाहरण:

उदाहरण 1:

“मोहब्बत एक मीठा ज़हर है”

इस वाक्य में “ज़हर” को “मीठा” बताया गया है, जबकि हम जानते हैं कि ज़हर मीठा नहीं होता। यहाँ पर एक विरोधित भाव का प्रदर्शन किया गया है, और इसे विरोधाभास अलंकार(Alankar in Hindi) की आवृत्ति कहा जा सकता है।

उदाहरण 2:

या अनुरागी चित्त की समझै नहिं कोय।”

इस वाक्य में “या अनुरागी” की तुलना में “चित्त की समझै नहिं कोय” का विरोध किया गया है। वाक्य में दिखाया गया है कि कोई भी अनुरागी या प्यारी चीज़ चित्त की समझ में नहीं आती, जिससे विरोधाभास अलंकार की प्रक्रिया दर्शाई जा रही है।

5. मानवीयकरण अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

मानवीयकरण अलंकार किसे कहते हैं?

मानवीयकरण अलंकार एक ऐसा अलंकार है जिसमें अचेतन वस्तुओं को जीवित या मानवीय भावनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया होती है। इसके माध्यम से आचरण, आवाज़, गतिविधियाँ आदि को ऐसे व्यक्त किया जाता है कि वे मानवीय गुणों या भावनाओं से युक्त प्रतित होते हैं।

मानवीयकरण अलंकार के उदाहरण:

उदाहरण 1:

फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।”

इस उदाहरण में “फूल हँसे” और “कलियाँ मुसकाई” के माध्यम से वाक्य में फूलों को जीवित और मानवीय भावनाओं से जोड़ा गया है। इससे फूलों के व्यवहार को मानवीयता के साथ दर्शाने का प्रयास किया गया है।

उदाहरण 2:

जब प्रकृति करती है बगीचा सजने।”

इस वाक्य में “प्रकृति करती है बगीचा सजने” के माध्यम से प्रकृति को मानवीयता से युक्त दर्शाया गया है, जैसे कि प्रकृति को मानव के रूप में काम करते हुए दिखाया गया है।

उदाहरण 3:

यह हरा ठीगना चना बांधे मुरैना शीश पर।”

इस वाक्य में “हरा ठीगना” के माध्यम से एक पौधे को जीवित और प्राणी की भावनाओं से युक्त दर्शाने का प्रयास किया गया है, जैसे कि पौधे को मानवीय गुणों से आभूषित किया गया है।

6. अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

अतिशयोक्ति अलंकार किसे कहते हैं?

अतिशयोक्ति अलंकार एक ऐसा अलंकार है जिसमें किसी विषयवस्तु के वर्णन को बढ़ा-चढ़ाकर किया जाता है, ताकि उस विषय की महत्वपूर्ण गुणवत्ताएं या भावनाएं प्रकट हों। इस अलंकार (Alankar in Hindi) में आम विचारों के साथ-साथ चमत्कारिक व्यक्तिगतता भी जोड़ी जाती है।

अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण:

उदाहरण 1:

हनुमान की पूंछ में लगन पाई आग, सारी लंका जल गई, गए निशाचर भाग।”

इस उदाहरण में “हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग” के माध्यम से हनुमान के अद्वितीय शक्तिशाली गुणों का वर्णन किया गया है, और “सारी लंका जल गई, गए निशाचर भाग” के माध्यम से उनके बलपूर्वक लंका के राक्षसों के भागने का वर्णन किया गया है। इससे उनके अद्वितीय योग्यताओं का प्रमोट किया जाता है।

उदाहरण 2:

आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार।”

इस वाक्य में “आगे नदिया पड़ी अपार” के माध्यम से एक बड़ी और अत्यधिक विशाल नदी के वर्णन को किया गया है, और “राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार” के माध्यम से राणा प्रताप के योगदान की महत्वपूर्णता दर्शाई गई है।