Home » News

शिक्षक दिवस पर कविता (Hindi Poem on Teachers Day)

शिक्षक दिवस पर कविता – Teachers Day Poem in Hindi

 सोचो पहले कितना नादान थे हम,

किसी गीली मिट्टी के समान थे हम।

 

शिक्षक में घड़े समान आकार देकर, हमें संवार दिया,

कभी प्यार से कभी डांट से, शिक्षा का आधार दिया।

कोरा कागज थे हम, गुरु ने हमें ज्ञान दिया,

अक्षर से शब्द, शब्द से वाक्य का संसार दिया।

 

सोचो पहले कितना नादान थे हम,

किसी गीली मिट्टी के समान थे हम।

शिक्षक दिवस पर कविता

इन्हें देख बड़े आदर्श से सिर झुक जाता है,

सच्चे जीवन पथ पर, शिक्षक ही हमें चलना सिखाता है।

जानवर इंसान में क्या है भेद, गुरु ही समझाता है,

शिक्षा की लौ जलाकर, कुंदन हमें बनाता है।

Related Article : शिक्षक दिवस पर छोटी छोटी कविताएं ( Short Hindi Poems on Teachers Day)

सोचो पहले कितना नादान थे हम,

किसी गीली मिट्टी के समान थे हम।

 

याद हैं मुझे वे दिन, जब टीचर की डांट मार खाई थी,

मन दुखी होता था, पर आज समझ आया क्या सच्चाई थी।

आज मैं जहां भी हूं, आप जैसे महान शिक्षकों की परछाई थी,

थैंक्यू जो इस काबिल बनाया, यह सब आपकी ही पढ़ाई थी।

 

सोचो पहले कितना नादान थे हम,

किसी गीली मिट्टी के समान थे हम।